भले ही वह कहानियाँ आंटी मारिया बताया, दादी-नानी के जमाने से वे आज भी चरित्रवान मूल्यों को संप्रेषित करती हैं।
आज का हमारा समय उपन्यासों, काल्पनिक कहानियों और जादू-टोने से भरा हुआ है। मनोबल गिरता रहता है। लेकिन बच्चों जैसे मन को विशेष रूप से अच्छे रोल मॉडल की जरूरत होती है।
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